केंद्र सरकार के वित्त पोषित संगठन
कैंसर उपचार के दौरान मरीज कुछ आर्थिक भार कम करने के लिये कई योजनाओं का लाभ ले सकते हैं।
सरकार की योजनाएं
(1)आयुष्मान भारत कार्यक्रम के अंतर्गत सरकार ने स्वास्थय क्षेत्र में पहल की ओर दो कार्यक्रम के घोषणा की| केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलो के मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज यहाँ संसद में सामान्य बजट २०१८-१९ पेश करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक देखभाल प्रणालियों में समग्र रूप से स्वास्थय को सम्बोधित करना है| इसके अंतर्गत रोकथाम और स्वास्थय संवर्धन पैर विशेष ध्यान दिया जायेगा
(2) प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष: पाकिस्तान से विस्थापित लोगों की मदद करने के लिए जनवरीए 1948 में तत्कालीन प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की अपील पर जनता के अंशदान से प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष की स्थापना की गई थी। प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष की धनराशि का इस्तेमाल अब प्रमुखतया बाढ़, चक्रवात और भूकंप आदि जैसी प्राकृतिक आपदाओं में मारे गए लोगों के परिजनों तथा बड़ी दुर्घटनाओं एवं दंगों के पीड़ितों को तत्काल राहत पहुंचाने के लिए किया जाता है। इसके अलावा हृदय शल्य.चिकित्सा, गुर्दा प्रत्यारोपण, कैंसरआदि के उपचार के लिए भी इस कोष से सहायता दी जाती है। यह कोष केवल जनता के अंशदान से बना है और इसे कोई भी बजटीय सहायता नहीं मिलती है। कोष की धनराशि बैंकों में नियत जमा खातों में रखी जाती है। कोष से धनराशि प्रधान मंत्री के अनुमोदन से वितरित की जाती है।
वेबसाइट पर उपलब्ध एक निश्चित आवेदन प्रारूप पर और प्रधान मंत्री को संबोधित किया जाना चाहिए।
आवेदन पत्र यहां से डाउनलोड किया जा सकता है
आवेदन के साथ आवेदक द्वारा संलग्न दस्तावेज आवश्यक है
रोगी के दो पासपोर्ट आकार की तस्वीरें (एक आवेदन पर चिपकाया गया, दूसरा आवेदन के साथ stapled),
निवास प्रमाण की प्रतिलिपि,
मूल चिकित्सा प्रमाण पत्र जिसमें बीमारी के प्रकार और व्यय की अनुमानित लागत शामिल है
आय प्रमाण पत्र की प्रति।
पीएमएनआरएफ के साथ सूचीबद्ध अस्पतालों की सूची पीएमएनआरएफ वेबसाइट पर अलग से पोस्ट की जाती है जिसका उपयोग
अनुदान के लिए आवेदन करने के समय आवेदक द्वारा संदर्भ के लिए किया जा सकता है। आवेदन प्राप्त होने के बाद, प्रधान मंत्री के
विवेकाधिकार पर, पीएमएनआरएफ की पूर्व प्रतिबद्धताओं और पूर्व प्रतिबद्धताओं को ध्यान में रखते हुए, वही माना जाता है और
वितरण किया जाता है।
संपर्क
सूचीबद्ध अस्पतालों की सूची। अंतिम बार पहुंचे: 25/10/2016
अधिक जानकारी के लिए। अंतिम बार पहुंचे: 25/10/2016
(3) स्वास्थ एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा निम्नलिखित दो योजनाओं के तहत देश भर में अलग अलग अस्पतालों में ईलाज के लिये गरीब मरीजों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है:
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने राष्ट्रीय आरोग्य निधि का गठन 1997 में किया। इसका उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले ऐसे रोगियों को वित्तीय सहायता देना था जो जानलेवा बीमारियों से पीड़ित हैं ताकि वे सरकारी अस्पतालों में इलाजों की सुविधा का लाभ उठा सकें। इसके अंतर्गत ऐसे लोगों के सुपर स्पेशिलिटी अस्पतालोंध्संस्थानों और सरकारी अस्पतालों में उपचार की व्यवस्था की गई है। ऐसे रोगियों को वित्तीय सहायता एक मुश्त अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जाती है। यह राशि उस अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को प्रेषित की जाती है जिसमें रोगी का इलाज चल रहा हो।
(b) स्वास्थ्य मंत्री विवेकाधीन अनुदान (एचएमडीजी)
स्वास्थ्य मंत्री विवेकाधीन अनुदान से सरकारी अस्पताल में भर्ती होने / उपचार पर हुए खर्च का वहन करने हेतु वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए केवल वही लोग पात्र है जिनकी वार्षिक परिवारिक आय 1,00,000 /- रूपए और उससे कम है, तथा उन मामलों में जहां नि:शुल्क चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध नहीं है।
(4) केन्द्रीय सरकार स्वास्थ योजना (सी.जी.एच.एस): यह योजना केन्द्रीय सरकार के सेवानिवृत कर्मचारियों और उनके अश्रितों के लिये लागू है। सी.जी.एच.एस. लाभार्थियों को बेहतर कैंसर के ईलाज की सुविधा मुहैया कराने के लिये हैदराबाद व दिल्ली में 10 निजी अस्पतालों की विशेश रूप से टाटा मेमोरयिल अस्पताल की दरों के अनुसार कैंसर सर्जरी के लिए सी.जी.एच.एस के तहत जून 2011 में पैनल में शामिल कर दिया गया है। इसके अलावा रोगी किसी भी अस्पताल से अनुमोदित दरों पर कैंसर के ईलाज का लाभ उठा सकते है।
(5) कैंसर रोगी और उनके परिचर को रेलवे रियायत: कैंसर रोगी रेलवे में सफर करने के लिये पूरी तरह स्वतंत्र है। उनका किराया मुपत है। परिचर या सहायक को द्वितीय श्रेणी के किराये का केवल 25 प्रतिशत भुगतान करना पड़ता है। यह रियायत निकटतम गृहनगर स्टेशन से कैंसर अस्पताल/कैंसर संस्थान की यात्रा और वापस आने के लिये लागू। फार्म यहाँ डाउनलोड किया जा सकता है।
(6) कैंसर रोगी को हवाईयात्रा में रियायत: यह रियायत केवल कैंसर पीडि़त जो भारतीय नागरिक है व मेडिकल चेअप/उपचार के उद्देश्य के लिए यात्रा कर करें है उन लोगों के लिये लागू है। इसमें दर्जे के मूल किराये का 50 प्रतिशत करना पड़ता है।
आवश्यक दस्तावेज: मरीज को कैंसर अस्पताल/कैंसर संस्थान द्वारा जारी प्रमाण पत्र लगाना है जो यह प्रमाणित करता हो की उक्त मरीज का यहाँ उपचार हो रहा है। फार्म डाउनलोड किया जा सकता है।
Note: Apart from these centrally funded schemes many State Governments and Non Government Organizations (NGO) also provide aid for cancer patients. The readers are advised to visit their respective websites for more information.
मुख्यमंत्री राहत कोष
मुख्यमंत्री राहत कोष बाढ़, सूखा, आग दुर्घटना जैसे प्रमुख प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोगों को उपचार के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करता है, और यह कैंसर, हृदय शल्य चिकित्सा, एवं गुर्दा प्रत्यारोपण के ईलाज के लिए जरूरतमंद व्यक्तियों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
मुख्य मंत्री राहत कोष का लाभ उठाने के लिए आवेदन फार्म निम्नलिखित दस्तावेजों के साथ जमा किया जाना चाहिये:
- मेडिकल प्रमाण पत्र छह-महीने की अवधि के भीतर लिया जाना चाहिए।
- आवेदन पत्र गांव के कार्यालय/ताल्लुका कार्यलय/कलेक्ट्रेर कार्यालय में जमा होना चाहिये।
निम्नलिखित राज्यों/संघ शासित प्रदेशों ने बीमारी सहायता कोष की स्थापना की है- कर्नाटक, मध्यप्रदेश, त्रिपुरा, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, केरल, मिजोरम, राजस्थान, ओडिशा, गोवा, गुजरात, सिक्किम, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, हरियाणा, उत्तराखंड, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मणिपुर, दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और पुडुचेरी।
निम्नलिखित राज्यों ने अभी तक बीमारी सहायता कोष स्थापित नहीं किया है:
1. असम
2. मेघालय
3. नागालैंड
Links for guidelines & application forms (where available) of various states to avail aid from Chief Minister’s relief fund
जम्मु और कश्मीर
महाराष्ट्र (मुख्यमंत्री राहत कोष और सिद्धिविनायक गणपति मंदिर ट्रस्ट)
तमिल नाडु
केरल
कर्नाटक
बिहार
उत्तराखंड
पश्चिम बंगाल
मध्य प्रदेश: लिंक 1, लिंक 2
पंजाब
ओडिशा: लिंक 1, लिंक 2, लिंक 3
गुजरात: लिंक 1, लिंक 2
राजस्थान
आंध्र प्रदेश: लिंक 1, लिंक 2
हरियाणा (Form of application for financial assistance from Chief Ministers Distress Relief fund)